सिंधी संगीत का मुख्य वाध यंत्र सारगी है जिससें संगीत सुनने से मन प्रसन्न और आन्नदित हो जाता है। सिंधी समाज के संत शिरोमणी भक्त कंवरराम साहिब सारगी वाध यंत्र से पहले सिंधी भगत अर्थात भजन कीर्तन करते थे जिसको सुन कर पुरा सिंधी समाज उनका दिवाना हो गया था।तब सें सिंधी समाज द्वारा प्रतिवर्ष सारगी दिवस मनाया जाता है।
सिंधी गुरूद्वारे के भाई साहिब अमर रूपानी ने बताया कि इस वर्ष सिंधी सारगी दिवस के मौके पर गुरूद्वारे में संगत कि गई जिसमें भक्त कंवरराम साहिब के कलाम जैसे (कोसा कुवर खडी हल्यो,भाग्य खुला साई कंवरराम जा) गाकर सिंधी सारगी दिवस मनाया गया ताकि हमारी सिंधी सभ्यता जीवित रहे ।इस अवसर पर गुरूद्वारे के भाई साहिब अमर रूपानी,माता लता देवी,ठोलक पर कन्हौया भाई ने साथ दिया।