चंदन की लकड़ी सुगंधित होती है। जिसे पूजा-पाठ से लेकर अन्य कई धार्मिक कार्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। कई लोग चंदन की माला पहनते भी है और कई लोग इसके माध्यम से जप भी करते है। कई लोग इसे दान भी करते है। चंदन की माला किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं यह भी जानना जरूरी है। इस लेख के माध्यम से हम चंदन की माला पहनने के लाभ बताएंगे।
चंदन के प्रकार
चंदन दो प्रकार के पाए जाते है। इसमें पहला है रक्त चंदन व दूसरा है श्वेत चंदन। मां दुर्गा की उपासना रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते है।
चंदन की माला के प्रयोग
1.चंदन की माला विष्णु भगवान, राम भगवान और कृष्ण भगवान से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है।
2. सफेद चंदन की माला से महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभफलप्रद होता है।
3.चंदन की माला से दुर्गा उपासना के लिए ऊं दुर्ग दुर्गाय नमः और गायत्री उपासना के लिए ऊं भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।मंत्र का जाप करना चाहिए। यह बहुत ही जल्द सिद्ध होता है।
4.चंदन की माला धारण करने से नौकरी पेशा में उन्नति तो होती ही है सभी लोग ऐसे व्यक्ति से खुश भी रहते है। सभी उसके मित्र बन जाता है। ऐसे व्यक्ति को सभी ओर से सहयोग प्राप्त होता है।
5.इस माला को मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गले में धारण करने से लाभ होता है।
6.चंदन का गुण शीतल है। यदि आपको सर्दी की शिकायत रहती है तो इसे धारण न करे।
7.सर्दी के मौसम में भी इस माला को धारण नहीं करना चाहिए। इससे कफ बढ़ने का चांस रहता है।
8. चंदन कई रोगों को शांत करता है जैसे तृषा, थकान, रक्त विकार, दस्त, सिरदर्द, वात पित्त, कफ, कृमि और वमन आदि।
9. इसके अतिरिक्त मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।