गणगौर पूजा मारवाड़ी समाज के द्वारा किया जाता है। महिलाएं व कुंवारी कन्याएं ईसर गौरा की पूजा करती है। जल देने से लेकर भोग लगाने तक हर दिन महिलाएं गीत गाती है। इस लेख के माध्यम से हम गणगौर पूजा विधि के दौरान गाए जाने वाले प्रत्येक गीत को बता रहे है।
गणगौर पूजन में जंवारा लगाते समय गाते है यह गीत
आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी,
जंवरा जतन कर राखज्यो जी।
ईसरदासजी पेचडल्या में टांक सी जी,
जंवारा जतन कर राखज्यो जी।
बहू ओ गोरांदे रे चुडले रे माय जी,
जंवारा जतन कर राखज्यो जी।
गणगौर गीत-2
म्हारा हरिया ए जुंवारा राज कि लांबा-तीखा सरस बढ्या,