सुहिणी सोच का वेबिनार मि एंड माई रिलेशनशिप से रिश्तों की महक गूंजी
सुहिणी सोच महिलाओं की संस्था के तत्वावधान में एक प्रदेश व्यापी जूम क्लाउड मीटिंग का आयोजन किया गया ।मिस्टर एंड माई रिलेशनशिप विषय पर आधारित यह ट्रेनिंग कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एवं फैकल्टी ट्रेनर सरिता बाजपेई जी अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक एवं मेडिटेशन गुरु द्वारा प्रशिक्षण दिया गया ।
इस कार्यक्रम का आगाज अध्यक्ष काजल लालवानी के स्वागत भाषण से हुआ उसके बाद संस्था की फ़ाउंडर मनीषा तारवानी ने कहा कि यह जीवन बहुत सुंदर है जिसका हर पल महत्वपूर्ण है जो प्यार करने के लिए भी कम पढ़ जाते है पता नहीं कैसे लोगों को बैर करने के लिए समय मिल जाता है
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि रिश्तो को संभालने के लिए सर्वप्रथम अपना स्वभाव हमेशा नम्र एवं सरल रखना चाहिए। हमेशा एक दूसरे की जरूरतों को समझ कर , सेवा भाव से एवं प्रेम से ही रिश्ते संभल सकते हैं ।
संस्था के संरक्षक चेतन तारवानी द्वारा बताया गया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता यूं तो हमेशा ही है, परंतु इस करोना काल में , जो मनुष्य में मानसिक अवसाद एवं चिड़चिड़ापनएतथा रिश्तो में तल्ख़ियां आ रही हैं ।
बच्चों में घर में बैठे रहने के कारण, एक दूसरे के प्रति असम्मान की भावना की उत्पत्ति हो रही है । ऐसे समय इस विषय पर प्रशिक्षण की अतीव आवश्यकता थी । आदरणीय सरिता वाजपेई ने यह सिखाया की जीवन सफर में आगे बढ़ते बढ़ते जरूरी है कि हम हर रिश्ते में इमानदारी सहनशीलता व प्यार कायम रखते हुए हर निभाएं एखासकर पति और
पत्नी के रिश्ते को, जिस प्रकार जीवन में भोजन पानी , हवा का महत्व है उसी प्रकार हर रिश्ते का भी महत्व है । साथ ही साथ हर व्यक्ति को स्वस्थ बनाने के लिए योग करना भी उतना ही आवश्यक है ।
सफल जीवन व सफल व्यक्तित्व हासिल करना प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य होता है इसलिए आवश्यक है कि रिश्तो को साथ.साथ और प्रेम से निभाए । सरिता बाजपेई जी ने यह भी ध्यान दिलाया की एक चीज जीवन में आवश्यक है।
वह है परिवर्तन हमें वर्ष में एक या दो बार इस प्रकृति का आनंद लेने के लिए अपनी दिनचर्या से बाहर निकल कर कहीं जाना चाहिए व योग साधना कर खुश रहकर अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए ।
सरिता बाजपाई ने अंत में यही कहा सुख.दुख की परिभाषा सबके लिए अलग होती है जो सोच पर निर्भर करती है, इस वक्त स्वयं को संतुलित रखना व्यक्तित्व विकास का महत्वपूर्ण चरण होता है
सुहिनी सोच के इस कार्यक्रम में अपने अपने मोबाइल वीडियो के माध्यम से लगभग 100 से ज्यादा प्रबुद्ध महिला एवं पुरुष इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए । उन्होंने अपने अपने विचार भी रखे । प्रशिक्षण का पूर्ण आनंद लिया।
प्रशिक्षण के दौरान फैकल्टी द्वारा जो भी बातें बताई गई । प्रैक्टिकल कराए गए , उन सब को सभी ने आत्मसात किया एवं बेहतर महसूस किया । अपनी अपनी गलतियां छोड़कर संबंधों को निस्वार्थ भाव से निभाने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम के निर्देशकगण करिश्मा कमलानी एवं आरती कोडवानी को इस वृहद कार्यक्रम के सफल आयोजन पर भावभीनी बधाइयां प्रेषित की हैं अंत में संस्था की सचिव पल्लवी चिमनानी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया ।