शनि प्रदोष व्रत 8 मई को, महादेव व शनिदेव की पूजा करना होगा उत्तम
शनि प्रदोष व्रत 8 मई को किया जाएगा। हिन्दू पंचांग के मुताबिक वैशाख का पहला प्रदोष व्रत है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद मनोज तिवारी ने बताया कि धार्मिक मान्यता के मुताबिक प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस बार शनिवार के दिन यह प्रदोष पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष है। इस दिन प्रदोष व्रत प्रीति योग में रखा जाएगा। इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्य करना शुभ होता है।
भगवान शिव के साथ करे शनिदेव की भी पूजा
हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने का विधान बताया गया है। लेकिन शनिवार के दिन प्रदोष पड़ने से इस दिन शनि देव की भी पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि की दशा ठीक नहीं होती है उन्हें इस दिन शनिदेव की विषेश पूजा करनी चाहिए।
शनि प्रदोष से मिलता है यह फल
-शनि प्रदोष के दिन शनि और भगवान शंकर की एक साथ पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
-शनि प्रदोष व पुष्य नक्षत्र के योग में शनिदेव की पूजा कर ब्राम्हणों को तेल का दान करने से भी शनि दोष में राहत मिलती है।
-मान्यता है कि यह व्रत करने से संतान प्राप्ति में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है।