महाभारत के पांच शक्तिशाली योद्धाओं के बारे में जाने, यहां
महाभारत महाकाव्य है और इसके माध्यम से अधर्म को समाप्त कर धर्म की स्थापना का सबसे उत्तम उदारहण कौरवों व पांडवों के मध्य युद्ध के माध्यम से हुआ था। इसके सबसे बड़े सूत्रधार विधाता को माना गया है।
इस लेख के माध्यम से हम महाभारत के पांच सबसे शक्तिशाली योद्धाओं का वर्णन करेंगे। वैसे तो इसमें कई महाबली व पराक्रमी योद्धाओं ने अपने बल का प्रदर्शन करते हुए कौरवों व पांड़वों के पक्ष से युद्ध किया था। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण व श्रेष्ठ योद्धाओं के विषय में हम बता रहे है।
अर्जुन
महाभारत के युद्ध में शक्तिशाली योद्धा के रूप में अर्जुन को भी जाना जाता है। माना जाता है कि अर्जुन के पास कई अस्त्रों का ज्ञान था।
कहते है कि जब अर्जुन को चुनाव का मौका दिया गया कि वो कृष्ण की नारायणी सेना को चुने या स्वयं निःशस्त्र कृष्ण को तो उन्होंने कृष्ण का चुनाव किया।
यह महाभारत का सबसे बड़ा निर्णय था। अर्जुन ने ही कौरवों की आधी से अधिक सेना को मारा। इनमें भीष्म और कर्ण भी शामिल थे।
द्रोणाचार्य
द्रोणाचार्य ने ही दोनों तरफ के सेनाओं को ज्ञान दिया था। इनके पास हर अस्त्र चलाने का ज्ञान था। इसमें नारायण अस्त्र, पशुपतास्त्र और ब्रम्हास्त्र भी शामिल है।
वैसे तो युद्ध में द्रोणाचार्य को कभी सीधे पराजित नहीं किया जा सकता था। तब श्रीकृष्ण ने भीम से कहकर एक अश्वत्थामा नामक हाथी को मरवा दिया और हर तरफ खबर फैला दी कि अश्वत्थामा मारा गया।
यह सुनकर द्रोणाचार्य ने हथियार डाल दिए और तब धृष्टद्युम्न ने छल से द्रोणाचार्य का वध कर दिया।
कर्ण
दानवीर कर्ण को उनके कवच और कुंडल के साथ कभी भी हराया नहीं जा सकता था। कहते है कि पहले छल से कर्ण के कवच-कुंडल का त्याग करवाया गया।
उसके बाद भी युद्ध में कर्ण से जीतना असंभव था। जब कर्ण का रथ एक गड्ढे में फंसा तब छल से अर्जुन ने कर्ण का वध किया। कर्ण को वरदान मिला था कि उसके कवच और कुंडल को दुनिया का कोई भी अस्त्र-शस्त्र नहीं भेद सकता था।
कर्ण ने युद्ध में नकुल, सहदेव, युधिष्ठिर और भीम को भी हराया था। लेकिन उन्हें मारा नहीं क्योंकि कर्ण ने प्रतिज्ञा की थी कि वो सिर्फ अर्जुन को छोड़कर अपने भाईयों को नहीं मारेगा।
भीष्म
महाभारत के युद्ध में भीष्म को हराना असंभव था। भीष्म को वरदान मिला था कि उनकी जान उनकी इच्छा के विरूद्ध नहीं ली जा सकती थी।
दस दिनों तक युद्ध में पांडव भी समझ चुके थे कि भीष्म को हराना असंभव है। कहते है कि भीष्म ने महर्षि परशुराम को भी हराया था।
जो कि विष्णु के अवतार थे। तब शिखंडी को आगे कर अर्जुन ने भीष्म पर सैकड़ों बाण दागे और भीषण तीरों के बिस्तर में फंस गए। तब उनकी अपनी मर्जी से उन्होंने अपनी देह त्याग दिया।
महाभारत के सबसे शक्तिशाली योद्धा श्रीकृष्ण थे। माना जाता है कि कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे उन्होंने महाभारत के युद्ध में कोई भी हथियार इस्तेमाल नहीं किया था।
श्रीकृष्ण सिर्फ अपने रणनीति से वो इतने महान योद्धाओं को मात दे पाए। कहते है कि अगर श्रीकृष्ण् हथियार उठा लेते तो सिर्फ सुदर्शन चक्र से कौरवों की पूरी सेना का विनाश कर देते क्योंकि कृष्ण के सामने कोई भी योद्धा अमर नहीं था महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुल को अपना विराट रूप भी दिखाया था।